...

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मैं तेरी मोहब्बत को ज़िंदा रखूँगी
लोग नफ़रतों को ज़िंदा रखते हैं

साल दर साल,

मैं तेरी मोहब्बत को ज़िंदा रखूंँगी,

इश्क में चाहे मिले जुदाई,

जियूँ मैं किसी भी हाल,

मैं तेरी मोहब्बत को ज़िंदा रखूंँगी।


तेरे कहने से कि ख़तम हो गया सब,

मैं दिल की कचेहरी में अपना सवाल रखूंँगी,

क्या वाकई सब ख़तम हो गया

जो ख़तम की हद से भी परे था,

मैं कोई वहेमो ग़ुमान ना अपने मन में आईंदा रखूँगी,

मैं...