...

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मोहब्बत के मारे!
मोहब्बत तुमसे थी किसी और से नहीं,
अदावत हमसे थी तुम्हें किसी और से नहीं,
असरार हम दोनों के थे किसी और के नहीं,
माजी किसी और का नहीं हम दोनों का था,
मोहब्बत एक से थी हजारों से नहीं,
मोहब्बत तुमसे थी किसी और से नहीं!।।

© Lalita paliwal