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उनका मशविरा
मिले थे वो जिन्दगी की राह में ऐसे,
बनकर एक प्रकाश पुंज,
अपनी प्रतिभा के माध्यम से,
कर दूर अंधेरे मेरे,
कहते थे मुझसे,
घबराओ न मित्र प्यारे,
दूर नहीं है अब सूरज के नजारे।
उनका मशविरा मान,
भूल गया हूं सब थकान।
और यह लिया है जान,
ढ़ल जायेगी शीघ्र यह अंंधियारी रात,
खिल जायेगा सूर्य,
और बरस जाएगी खुशियों की सौगात।
#advice writer
© mere alfaaz
बनकर एक प्रकाश पुंज,
अपनी प्रतिभा के माध्यम से,
कर दूर अंधेरे मेरे,
कहते थे मुझसे,
घबराओ न मित्र प्यारे,
दूर नहीं है अब सूरज के नजारे।
उनका मशविरा मान,
भूल गया हूं सब थकान।
और यह लिया है जान,
ढ़ल जायेगी शीघ्र यह अंंधियारी रात,
खिल जायेगा सूर्य,
और बरस जाएगी खुशियों की सौगात।
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