...

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अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
जीवन एक रंग मंच जैसा, यहां हर किरदार निभाना है
जो कुछ हिस्से में आएगा,उसे पूरा करके जाना है।।
जब जन्म लिया इस धरती पर, सब कुछ जैसे अनजाना था ।
तुम मुझे उम्मीद देते हो
और मुझे इससे निपटने में मदद करते हो
जब जिंदगी मुझे नीचे खींचती है
तुम मुझे संभाल लेते हो
प्यार समझ है
प्यार समझौता है
प्यार उदारता है
प्यार बलिदान है
ऐसा क्यों लगता है कि नफरत इतनी महान है?
जबकि नफरत भी एक बहुत मजबूत भावना है
सच्चे प्यार के बराबर कुछ भी नहीं हो सकता
© ssk