ख़्याल
तेरी बातें जो करता है दिल.. मुझे रात-रात भर जगाता है
रोशनी की तरह रहती है तू पास मेरे.. जब अंधेरा मुझे डराता है,
शाम ने जब पूछा मेरी तन्हाई का सबब
जाने क्यूँ होठों पे तेरा नाम आता है,
आईना भी देखकर आज़कल हमें
बेवज़ह यूँ...
रोशनी की तरह रहती है तू पास मेरे.. जब अंधेरा मुझे डराता है,
शाम ने जब पूछा मेरी तन्हाई का सबब
जाने क्यूँ होठों पे तेरा नाम आता है,
आईना भी देखकर आज़कल हमें
बेवज़ह यूँ...