...

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नारी
हे नारी तुम शक्तिशाली हो
हर स्तिथि से लड़ने वाली हो
हाथ में उठा तलवार तुम
इतिहास रचने वाली हो
ताकतवर हो तुम जज्बे से
तुम नए वक्त की काली हो
कोई टिक न पाएगा आगे तेरे
चाहे भीम की गदा हो या बाली हो
गलत जगह मत फंस जाना
तुम दो घरों की रानी हो
भगवान भी जिसके पग छूते
तुम रचना वो निराली हो
अपनी मर्यादा मत फेंको
तुम लाज बचाने वाली हो
हे नारी अपनी शक्ति पहचानो
तुम अम्बे दुर्गा काली हो।
© अनुराग . सहचर