उसके चले जाने के बाद
बात इतनी भी सीधी न थी,
उसके चले जाने के बाद वो बात पता चली।
बहुत गहराई छुपी थी उसकी बातों में,
उसके चले जाने के बाद वो गहराई पता चली।
क्या क़ीमत थी उसकी बातों की ,
उसके चले जाने के बाद वो क़ीमत पता चली।
अपनी नासमझी के कारण क्या खोया मैंने,
उसके चले जाने के बाद उसकी क़ीमत पता चली।
तोड़ था मैंने दिल किसी बेकसूर का,
जब अपना दिल टूटा तो दिल टूटने का क़ीमत पता चली।
बात इतनी भी सीधी न थी,
उसके चले जाने के बाद वो बात पता चली।
उसके चले जाने के बाद वो बात पता चली।
बहुत गहराई छुपी थी उसकी बातों में,
उसके चले जाने के बाद वो गहराई पता चली।
क्या क़ीमत थी उसकी बातों की ,
उसके चले जाने के बाद वो क़ीमत पता चली।
अपनी नासमझी के कारण क्या खोया मैंने,
उसके चले जाने के बाद उसकी क़ीमत पता चली।
तोड़ था मैंने दिल किसी बेकसूर का,
जब अपना दिल टूटा तो दिल टूटने का क़ीमत पता चली।
बात इतनी भी सीधी न थी,
उसके चले जाने के बाद वो बात पता चली।