रोशनाई मुहब्बत की
रोशनाई मुहब्बत की
उकेरने लगी हूं अब सूरत तेरी
अब तक छुपि गुम थी तू
दिल की इन धड़कनों से मेरी
अहसास ये झील की ठंडक से
डुबने को बार बार दिल ये चाहे
बन गया मैं इक चकोर सा चांद को ही चाहे
टुटती नहीं इक पल को नजर...
उकेरने लगी हूं अब सूरत तेरी
अब तक छुपि गुम थी तू
दिल की इन धड़कनों से मेरी
अहसास ये झील की ठंडक से
डुबने को बार बार दिल ये चाहे
बन गया मैं इक चकोर सा चांद को ही चाहे
टुटती नहीं इक पल को नजर...