"तेरी कमी"
लिखती थी अल्फ़ाज तेरे, सोचती थी सिर्फ जज़्बात तेरे,
लफ्जों का कारवाँ चलता था नाम से तेरे।
तेरे जाने से लेकर, आने तक का इंतज़ार तेरा,
सुकून के पल का एहसास था देता।
फकत एक मुलाकात भी काफ़ी थी मेरे लिए,...
लफ्जों का कारवाँ चलता था नाम से तेरे।
तेरे जाने से लेकर, आने तक का इंतज़ार तेरा,
सुकून के पल का एहसास था देता।
फकत एक मुलाकात भी काफ़ी थी मेरे लिए,...