याद तुम्हारी🌹🌿
मुझसे छुपाकर
वो अपना वजूद रखना चाहता है
वो अब कहां मुझसे मिलना चाहता है..🌹🌿
परख कर अपनी नजरों से,,, मुझको पहले
चाहत का अपनी एक एहसास कराया
बड़ा खूबसूरत सा था साथ ,,,,,,,,उसका
उसकी नजदीकियों ने चाहत का रंग चढ़ाया
मगर क्या वजह है कि.........
अब वो मुझे खुद से दूर करना चाहता है
वो अब कहां मुझसे मिलना चाहता है..🌹🌿
याद तो मुझे तुम आज भी बहुत आते हो
मगर क्या करें जब तुम ही नहीं हमें चाहते हो
ये दर्द एक तरफा...इसे मुझे ही ओढ़ना है
तुम्हारी खुशी के लिए ही बस तुम्हें छोड़ना है
जरूरी कहां ये कि.............
हर पूरी हो वो कामना जो दिल चाहता है
वो अब कहां मुझसे मिलना चाहता है..🌹🌿
यूं तो ताउम्र इंतजार तुम्हारी वापसी का रहेगा
नहीं फर्क पढ़ता ये जमाना क्या कहेगा
शब "ए" हिज्र... की तन्हाइयां..और.. तुम....
ये दर्द अब हर लम्हा यूं ही मेरा दिल सहेगा
अब किससे क्या कहें कि............
कोई हालत "ए" मुसव्वर कहां समझना चाहता है
वो अब कहां मुझसे मिलना चाहता है..🌹🌿
© स्वस्तिका
वो अपना वजूद रखना चाहता है
वो अब कहां मुझसे मिलना चाहता है..🌹🌿
परख कर अपनी नजरों से,,, मुझको पहले
चाहत का अपनी एक एहसास कराया
बड़ा खूबसूरत सा था साथ ,,,,,,,,उसका
उसकी नजदीकियों ने चाहत का रंग चढ़ाया
मगर क्या वजह है कि.........
अब वो मुझे खुद से दूर करना चाहता है
वो अब कहां मुझसे मिलना चाहता है..🌹🌿
याद तो मुझे तुम आज भी बहुत आते हो
मगर क्या करें जब तुम ही नहीं हमें चाहते हो
ये दर्द एक तरफा...इसे मुझे ही ओढ़ना है
तुम्हारी खुशी के लिए ही बस तुम्हें छोड़ना है
जरूरी कहां ये कि.............
हर पूरी हो वो कामना जो दिल चाहता है
वो अब कहां मुझसे मिलना चाहता है..🌹🌿
यूं तो ताउम्र इंतजार तुम्हारी वापसी का रहेगा
नहीं फर्क पढ़ता ये जमाना क्या कहेगा
शब "ए" हिज्र... की तन्हाइयां..और.. तुम....
ये दर्द अब हर लम्हा यूं ही मेरा दिल सहेगा
अब किससे क्या कहें कि............
कोई हालत "ए" मुसव्वर कहां समझना चाहता है
वो अब कहां मुझसे मिलना चाहता है..🌹🌿
© स्वस्तिका