अश्क़ अपने
देख उनको हृदय में अपने,
छुपा लेता हूँ अश्क़ अपने।
हक़ीक़त कुछ और सही,
क्या बयां करुँ दिल को अपने।
कि सारे सपने टूट गये,
संभाला है जिसे हृदय में अपने।
वो है अगले जन्म के वादे में,...
छुपा लेता हूँ अश्क़ अपने।
हक़ीक़त कुछ और सही,
क्या बयां करुँ दिल को अपने।
कि सारे सपने टूट गये,
संभाला है जिसे हृदय में अपने।
वो है अगले जन्म के वादे में,...