सुन लो विनय हमारी..
धर्म घटा है पाप बढ़ा है धरती पर गिरिधारी
एक बार अवतार लो फिर से सुन लो विनय हमारी
पहले कितने रावण मारे कितने कंस मरे हैं
अब तो नाथ कहें क्या तुमसे ऐसा जुल्म करे...
एक बार अवतार लो फिर से सुन लो विनय हमारी
पहले कितने रावण मारे कितने कंस मरे हैं
अब तो नाथ कहें क्या तुमसे ऐसा जुल्म करे...