ग़ज़ल
आज की पेशकश ~
रस्म भर जीने की हम करते हैं।
सच तो है सांस सांस मरते हैं।
सबको मालूम है कि सच क्या है,
सच मगर बोलने से...
रस्म भर जीने की हम करते हैं।
सच तो है सांस सांस मरते हैं।
सबको मालूम है कि सच क्या है,
सच मगर बोलने से...