लिखूं जो ख़त तुझे
लिखूँ जो ख़त तुझे ओ मेरे साजन,
दीवाना दिल मेरा बेकरार हो जाता है !!
तुझसे मिलने की आस में दिल मेरा,
जुदाई का हर गम भूल जाता है !!
रोता है दिल दिन-रात...
दीवाना दिल मेरा बेकरार हो जाता है !!
तुझसे मिलने की आस में दिल मेरा,
जुदाई का हर गम भूल जाता है !!
रोता है दिल दिन-रात...