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फिल्म रोटी के गीत पर आज के परिपेक्ष में पैरोडी
तेरे ढंग पे ना इतना गुमान कर
तेरा रंग कुछ दिन में उतर जायेगा
तेरे ढंग पे ना इतना गुमान कर
तेरा रंग कुछ दिन में उतर जायेगा
मैं जगा हूँ तू अब चुप रहना
मैं जगा हूँ तू अब चुप रहना
बुरे कर्मो का तू फल पायेगा
तेरे ढंग पे ना इतना गुमान कर
तेरा रंग कुछ दिन में उतर जायेगा

हो हो झूठ खुल जाता है
हरबार का वो प्यार नहीं मिलता
हो हो झूठ खूलजाने से
हरबार का ऐतबार ही मिटता
हो हो झूठ खुल जाता है
हरबार का वो प्यार नहीं मिलता
सच बात कही है होय ओये तौबा
सच बात कही है होय ओये तौबा
अब हर बेईमान उधड़ जायेगा
हो तेरे ढंग पे ना इतना गुमान कर
तेरा रंग कुछ दिन में उतर जायेगा

ओ आप पे ना जन का ऐतबार
अब हर बात यहीं छोड़ो
ओ रुस्वार का मौसम है
बेकार की तकरार यहीं छोड़ो
हो आप पे ना जन का ऐतबार
अब हर बात यहीं छोड़ो
लोगों से आंख जरा मिलाओ
लोगों से आंख जरा मिलाओ
अब और वक्त ना मिल पायेगा
मैं जगा हूँ तू अब चुप रहना
बुरे कर्मो का तू फल पायेगा

ओ अब तेरे साथ कोइना
मगरूरी नशे में चूर हो मानोगे
ओ तुमसे जन हुआ
बहुत दूर बहुत दूर ये मानोगे
ओ अब तेरे साथ ना है
मगरूरी नशे में चूर हो मानोगे
तू लाख बचा जनसे दामन
तू लाख बचा जनसे दामन
तू झूठ से अब ना छल पायेगा
हो तेरे ढंग पे ना इतना गुमान कर
तेरा रंग कुछ दिन में उतर जायेगा
मैं जगा हूँ तू अब चुप रहना
मैं जगा हूँ तू अब चुप रहना
बुरे कर्मो का तू फल पायेगा