सरफ़रोशी
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रणम मे लाना होगा
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम इंतजार किसका
जो था ही नहीं फिर ख्याल किसका
फेक कर शव कोने मे जैसे जिस्म से बाहर आना...
सांझ को फ़िर निमंत्रणम मे लाना होगा
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम इंतजार किसका
जो था ही नहीं फिर ख्याल किसका
फेक कर शव कोने मे जैसे जिस्म से बाहर आना...