...

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ishq=dard
ख्वाहिश थी समुंदर से एक मोती मिलने की
एक रोज मानो सीपियों का लहर सा आ गया
दस्तक हुई दिल पे उसकी इसतरह
वो चंद लम्हा भी मानो पहर सा छा गया
वो दूर हुआ तो दिल मे शोर उठा
और मानो कहर सा ढा गया
अब मोहब्बत से इस कदर जंग हो रखी है
की आज इश्क़ नाम सुनते ही मानो जहर सा छा गया

© @nji