...

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फेल हो जाती हूं मैं........
बहुत सही कहा।
बहुत कोशश करती हूं
सब कुछ सह कर चुप रहने की।
धोखा खा कर आंसू पी जाने की।
गलत होते देख आंखे बंद करने की।
दूसरों के साथ अच्छा करने पर
भी बेइज्जत होते रहने की
इतना सब होने पर भी माफ करने की।।
पर क्या करूं की आंखें बोल पड़ती हैं।
माफ करना भी चाहूं तो आहें
निकल जाती हैं।
जिंदगी की इस परीक्षा में
बहुत निकम्मी हूं मै।
बार बार रटती हूं मैं
फिर भी फेल हो जाती हूं।
😊🙏💐💝🍫