कुछ नया सुना क्या.
बहुत बेचैन हुआ मन खबर जब हम तक पहुंची
सपने एक एक कर टूटे सब, थी उनकी उड़ान ऊँची!
घिर रहा धड़कन का शौर सुबह से शाम तक
कांच की चटक सी जैसे दिल के कोने कोने मे पहुंची!
बंद...
सपने एक एक कर टूटे सब, थी उनकी उड़ान ऊँची!
घिर रहा धड़कन का शौर सुबह से शाम तक
कांच की चटक सी जैसे दिल के कोने कोने मे पहुंची!
बंद...