...

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मेरी अम्मा
बहुत याद आती है आपकी अम्मा ।
जब आप थी तो घर में एक ठहराव था ।
घर घर नही स्वर्ग था ।
आपके जाने के बाद पापा बिल्कुल शांत हो गए ।
पता है आपको जो बात बात पर लड़ लेते थे आपसे।
आज वो बहुत रोते हैं ।
आपको याद करते है ।
बहुत चिंता होती थी न आपको हमारी ।
एक बार लौटकर फिरसे को न ।
हमे आपके पेट पर सोना और छोटी छोटी बात पर आपसे लड़ना याद आता है ।
आपका रात को मुझे बुलाना चुपचाप सोजा देर हो गई ये कहकर सुला देना याद आता ।
हमे आज भी अब भी भरोसा नहीं है की आप जा चुकी हो ।
पर मेरे मन में एक मलाल रह गया अम्मा ।
अंत समय में वो कुछ क्षणों के लिए मैं दूर चली गई तो आपने प्राण त्याग दिए ।
वो क्षणों में हम आपके साथ होते तो काश वो मलाल न रहता है ।
पर जब ब्रह्मभोज में पंडित जी ने कहा कि ।
आज अम्मा को पूरी तरह विदा किया जाता है ।
मेरे मन , आत्मा बहुत रोई ।
पर आप रूठकर गई हो हमसे ये हमे भलीभांति ज्ञात है ।
तभी हमारे बुलाने पर आप प्दचिन्ह बनाने नहीआई ।।
मेरी सारी गलतियां क्षमा करना ।।।

,,,,मेरी प्यारी अम्मा ,,,,।



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