अधूरा
अकेलेपन में भी सुकून था पहले,
आज ज़रा खाली-खाली सा लगता है।
जो वक्त तुझसे बातों में निकलता था पहले,
आज ज़रा सूना-सूना सा लगता है।...
आज ज़रा खाली-खाली सा लगता है।
जो वक्त तुझसे बातों में निकलता था पहले,
आज ज़रा सूना-सूना सा लगता है।...