स्कूल के दिन
चलो ले चलूं तुम्हे,
उस बचपन की दुनिया में!!
आखें तकती थी घड़ी की सुई को
और मन घंटी में लगता था!!
दोस्तों के न आने पर ,
स्कूल न जाने का वो बहाना भी अजीब था !!
फर्स्ट बैंच पर हक जो सिर्फ हमारा था
जो न जाए हम स्कूल
पूरा बैंच ही खाली रहता था!!
बचपन में जहां जाने से रोते थे
वही जाने का कोई न कोई...
उस बचपन की दुनिया में!!
आखें तकती थी घड़ी की सुई को
और मन घंटी में लगता था!!
दोस्तों के न आने पर ,
स्कूल न जाने का वो बहाना भी अजीब था !!
फर्स्ट बैंच पर हक जो सिर्फ हमारा था
जो न जाए हम स्कूल
पूरा बैंच ही खाली रहता था!!
बचपन में जहां जाने से रोते थे
वही जाने का कोई न कोई...