बचपन
तन छोटा था, पर खुशिया बड़ी थी
प्यार की जैसे,एक चादर सी चडी थी
जहाज था कागज़ का , पर उड़ान हमारी थी
नादान दिल था, पर दिल में दुनिआ सारी थी
कैसे माने की , अब वह समय चला गया
बह मै था, जो शायद अब मर गया
क्या उलझने ही अब जीवन का सार है
बह बचपन तो चला गया, जिससे हमे प्यार है
कली को मारा, फूलों के होने ने
ज़िंदा है बचपन ,केवल यादो के कोने में...
प्यार की जैसे,एक चादर सी चडी थी
जहाज था कागज़ का , पर उड़ान हमारी थी
नादान दिल था, पर दिल में दुनिआ सारी थी
कैसे माने की , अब वह समय चला गया
बह मै था, जो शायद अब मर गया
क्या उलझने ही अब जीवन का सार है
बह बचपन तो चला गया, जिससे हमे प्यार है
कली को मारा, फूलों के होने ने
ज़िंदा है बचपन ,केवल यादो के कोने में...