कहना था जो कह नही पाई!
बैठी थी मैं अपने भाइयों की महफ़िल में , तुमको याद करना भूल गई ।
तुम नाराज न होना ,बेशक साथ थी उनके लेकिन बात हमारी करना भूल गईं ।
तुम नाराज न होना ,बेशक साथ थी उनके लेकिन बात हमारी करना भूल गईं ।
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