#जिंदगी की शाम
जिंदगी की शाम न जाने कब हो
जाए।
इसीलिए कभी वक्त निकालकर
मिल लिया करो।
फिर न जाने हम कहां गुम हो
जाए।
मिलने को एक दूसरे से तरस
जाएं।
जाए।
इसीलिए कभी वक्त निकालकर
मिल लिया करो।
फिर न जाने हम कहां गुम हो
जाए।
मिलने को एक दूसरे से तरस
जाएं।