उस चाँद की मुझे जरूरत क्या
जब तू दिख जाये ,
तो चाँद की जरूरत ही क्या।
मेरे लिए तुझसे खूबसुरत,
दुनियाँ में कोई मूरत ही कहां।
दिल में तो तुम हो ही,
अब धड़कन में भी समा जाओ।
रोज ख्यालो में ही आओगे,
अब हकीकत में भी आ जाओ।
© "अभिलाषा"खरे"
तो चाँद की जरूरत ही क्या।
मेरे लिए तुझसे खूबसुरत,
दुनियाँ में कोई मूरत ही कहां।
दिल में तो तुम हो ही,
अब धड़कन में भी समा जाओ।
रोज ख्यालो में ही आओगे,
अब हकीकत में भी आ जाओ।
© "अभिलाषा"खरे"
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