ऐ मेरे हमदम!
ऐ मेरे हमदम!
तुमसे प्यारा कोई नहीं
तुम्हारी मोहब्बत की
बातों से बेहतर कुछ नहीं
डूबी सी रहती हूँ
जब अभिव्यक्ति...
तुमसे प्यारा कोई नहीं
तुम्हारी मोहब्बत की
बातों से बेहतर कुछ नहीं
डूबी सी रहती हूँ
जब अभिव्यक्ति...