...

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मौन
मूक रहने पर दबाये जाते है ,
मुंह ज्यादा खोल नुकसान कर आते हैं।
मौन का अफसोस सालो रिसता है ,
धैर्य ध्यान दृढ़ता से भी तो गहरा रिश्ता है ।
मूर्ख कौन है ये समझ नहीं पाते हैं ,
मूक और मौन का यही अंतर तो हम नहीं कर पाते हैं ,
मौन को मूक का चोला जो ओढ़ाते है,
गलती यही हम कर जाते है ।
गुफ्तगू नहीं इनकी इस जमीं ,
सबको सिखलादो ये कोई।।
© Vatika