...

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कॉलेज की दास्तां😥

कॉलेज की अपनी एक व्यथा है
वो कहे भी तो किससे कहे
एक दिन वो कहता है 🤔

मेरी जिंदगी तो खराब हो चली
तनहा तनहा सा मै रहता हूं
कॉरोना की वजह से सिमटा दुबका सा अकेले पड़ा हूं
हरा भरा मै जिससे रहता था दिन भर
आज जाने वो कहां चले गए

धूल की चादर ओढ़े पड़ा हूं बीमार😔 सा
खबर लेने तो कोई आता नहीं
आजकल छिपकलियां ही
अपनी क्लास चलाती हैं

क्या दिन आ गए है आज मेरे जहां
मच्छर , झींगुर, छिपकलियां को
एजुकेशन देनी पड़ रही😂
जितनी प्रॉब्लम तो तुम लोगो को
पढ़ने में नहीं होती थी उतनी

तो मुझे आज इन🦎🦗🦟 सबको हैंडल करने में
हो रही है
देख रहा हूं अब राह तुम्हारी
कब आयगी वो वापिस हरियाली मेरी😂
©anusingh
© anu singh