...

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बारिश का मुखौटा
अगर तुम ठहरते,
काश तुम ठहर जाते,उस दिन.
बारिश रुक गयी थी तुम्हारे जाने के बाद.
जीने की वजह खो सी गयी, तुम्हारे जाने के बाद.
चेहरे की मुस्कराहट धूल सी गयी थी, तुम्हारे जाने के बाद.
अगर तुम ठहर जाते, उस दिन.
बारिश रुक जाने तक, तो शायद जान पाते,
मुस्कुराते हुए चेहरे की सच्चाई, जो सच बया कर रह थी,
बारिश रुक जाने के बाद,
एक छोटी सी झुठीसी मुस्कान,बारिश का मुखौटा ओढ़े।
वो भी रुक नहीं पायी तुम्हारे जाने के बाद.
अगर तुम ठहरते,
काश तुम ठहर जाते,उस दिन.
झारा