...

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मौन प्रेम
कौन सहेजता है किसी के जज्बात शिद्दत से

और जो सहेजने लगे छोटी छोटी सी बातों को
लम्हों को शब्दों को,,,
तो बस वही प्रेम है
मैंने अक्सर तुम्हारी आवाज़ को बार बार सुना है
मैंने अक्सर तुम्हारे शब्दों को बार बार पढ़ा है
मैंने अक्सर तुम्हारी तस्वीर को घंटों निहारा है
तुम्हारी आँखों में छलकते हुए भावों को पढ़ा है
ये प्रेम था तभी तो इसने भी खामोशी से तुमको
छुआ है,,,,,
तुमने भी तो इस स्पर्श को महसूस किया है
बोलो ये सच है ना 😊
Namita Chauhan
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