...

2 views

नीयत
महक रही साँसे और रूह वस्ल तुझसे जो हुआ
बरकरार रहे ये करता रहूँगा रब से बस ये दुआ

इंतज़ार के जो आलम गुजरें उससे शिकवा नहीं
तू मिल गया उसके एवज नहीं अब कोई भी गिला

ज़फर तक...