...

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आईना
एक दिन खुद को आईने के सामने खड़ा देखा,
नज़रें मिलीं, छोटी सी हँसी और,
बहते आँसूओ ने चेहरे को घेरा।

आईने ने हस कर कहा,
क्या तुम ठीक हो,
क्या तुम खुश हो,
काफी बदल गयी तुम,
क्या खुद से नाराज हो,
जो जिंदगी में चाहा क्या तुम,
उसे पाने की राह पर हो?

कितने साथी बचे, जो साथ हैं तुम्हारें,
कितने वादें निभायें, जो तुमने किये खुद से,
क्यों तुम ठीक से सोती नहीं हो क्या,
तुम्हारी आँखों मे वो चमक नहीं रहीं,
क्यों अक्सर रातों में रोती हो क्या?

अभी भी ख्वावों की महफ़िल बनाती हो क्या,
उन राजा और...