...

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गिर कर सीखा है


गिर के ही हमने चलना सीखा है,
संभलना सीखा है।
राह में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं,
खुद को संभालना सीखा है।

चाहे बड़ी हो या छोटी हों सब कठिनाइयाँ,
हम पार कर जाएंगे हंसते-हंसते।
क्योंकि हमें गिर कर संभलना,
और आगे बढ़ना आता है।

चोटें कितनी भी खाईं हों,
गिर कर चलना और
आगे बढ़ना हमने सीखा है।
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