तेरे बाद.!
जीना ज़हर हो गया उसका तेरे बाद
ख़ुद ख़ुदा भी न रहा उसका तेरे बाद
किस क़दर टूट के बिखरी है वो
सिसकियाँ लेकर रोती है वफ़ा तेरे बाद
अब झुकाती...
ख़ुद ख़ुदा भी न रहा उसका तेरे बाद
किस क़दर टूट के बिखरी है वो
सिसकियाँ लेकर रोती है वफ़ा तेरे बाद
अब झुकाती...