मकर संक्रांति का त्योहार
मकर संक्रांति का त्योहार
सूरज ने बदला अपना द्वार,
आया मकर संक्रांति का त्योहार।
तिल और गुड़ की बहती मिठास,
खुशियों से भर दे हर आकाश।
आसमान में पतंगें उड़तीं,
रंग-बिरंगी खुशियां बिखरतीं।
चली हवा संग हर इक डोर,
खुशियों का बस चलता शोर।
पर...
सूरज ने बदला अपना द्वार,
आया मकर संक्रांति का त्योहार।
तिल और गुड़ की बहती मिठास,
खुशियों से भर दे हर आकाश।
आसमान में पतंगें उड़तीं,
रंग-बिरंगी खुशियां बिखरतीं।
चली हवा संग हर इक डोर,
खुशियों का बस चलता शोर।
पर...