एक शाम..!!
सुकून की तलाश में किसी शाम बाम पर आना हुआ
फिर क्या, चाय के संग पुरानी यादों का आना जाना हुआ..!!
नज़र चांद पर गई सहसा और ज़हन में एक रु का घूमना हुआ..!!
ख़ुद को संभाल कर, ज़रा समझा कर एक बार और मन का हारना हुआ..!!
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फिर क्या, चाय के संग पुरानी यादों का आना जाना हुआ..!!
नज़र चांद पर गई सहसा और ज़हन में एक रु का घूमना हुआ..!!
ख़ुद को संभाल कर, ज़रा समझा कर एक बार और मन का हारना हुआ..!!
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