toota bharosa
पंछी बनके उड़ी मैं उसे अपना आसमान बनाया
दर्द को हमदर्द समझा दर्द को ही जान बनाया
वो जख्म दे गया ऐसे जो अबतक पायाब नही
वादे तोड़ा, शख्सियत भी मेरी अब उसे याद नही
दिया दर्द ...
दर्द को हमदर्द समझा दर्द को ही जान बनाया
वो जख्म दे गया ऐसे जो अबतक पायाब नही
वादे तोड़ा, शख्सियत भी मेरी अब उसे याद नही
दिया दर्द ...