दो प्रेमियों का मिलन
दो प्रेमियों का मिलन यदि बलात्कार है
बलात्कारी जमाना सारा हर बार है l
माना ज्यादातर ये देह की आग है
कुछ प्रेम कुछ वासना की जाग है l
पकड़ा प्रेमी पुरुष तो बलात्कारी
ये झठी खबर झूठा अब अख़बार है l
ग़र हर बार ऐसा सब बलात्कार है
हम में तुम में फिर कौन सा सदाचार है l
ये किस्से दुनिया भर के ना जाने कितने
जीवन सड़ रहे है कैदखानों में कितने,
जो कसूर वार भी तो न थे इतने
ना समझो संख्या तुम फिर दो चार है l
© fauji munday sohan lal munday
बलात्कारी जमाना सारा हर बार है l
माना ज्यादातर ये देह की आग है
कुछ प्रेम कुछ वासना की जाग है l
पकड़ा प्रेमी पुरुष तो बलात्कारी
ये झठी खबर झूठा अब अख़बार है l
ग़र हर बार ऐसा सब बलात्कार है
हम में तुम में फिर कौन सा सदाचार है l
ये किस्से दुनिया भर के ना जाने कितने
जीवन सड़ रहे है कैदखानों में कितने,
जो कसूर वार भी तो न थे इतने
ना समझो संख्या तुम फिर दो चार है l
© fauji munday sohan lal munday