मन के हारे हार है, मन के जीते जीत 🖤
समंदर की देख गहराई ,
नौका थोड़ी सी घबराई ।
क्या होगा अगर डूब जो गई मैं..?
क्या इस समंदर को पार कर पाऊंगी मैं..?
है डर बहुत इस मन में ,
थोड़ा होंसला पर बाकी है दिल में ।
होगा वही जो मुकद्दर को मंजूर होगा ,
पर डर से डरकर क्या डर दूर होगा ..?
सपने देखने से पहले जो डर न लगा ,
तो अब मंजिल के करीब...
नौका थोड़ी सी घबराई ।
क्या होगा अगर डूब जो गई मैं..?
क्या इस समंदर को पार कर पाऊंगी मैं..?
है डर बहुत इस मन में ,
थोड़ा होंसला पर बाकी है दिल में ।
होगा वही जो मुकद्दर को मंजूर होगा ,
पर डर से डरकर क्या डर दूर होगा ..?
सपने देखने से पहले जो डर न लगा ,
तो अब मंजिल के करीब...