शूरवीर….
मैं शूरवीर की तरह
मंजिल को पाना चाहता हूँ,
जिंदगी में जो भी हो
उसके सामने आना चाहता हूँ…
मैं शेर की ही तरह
खुद अकेला लड़ना चाहता हूँ,
राजा नहीं मैं
अपने आप को महाराजा बनाना चाहता हूँ…
लोगों की जरुरत हो
वो उसे पूरा करना चाहते हैं,
वह खुद की नहीं
दूसरो की जिंदगी को पढ़ना चाहते हैं…
तमन्ना ना हो किसी की,
ना हो इरादा बेईमानी का,
निशाने पें जो तीर लगें
मैं ऐसा तीर बनाना चाहता हूँ…
मैं शूरवीर की तरह
मंजिल को पाना चाहता हूँ,
जिंदगी में जो भी हो
उसके...