...

2 views

बसंत ऋतु
समय ने बदली करवट
देखो मौसम ने ली अंगड़ाई
खिलने लगे पलाश पुष्प
देखो बसंत ऋतु लोट आई

बजने लगे मन मे मृदंग
खिलने लगे धरा पुत्र के चहरे
सरसो की महक से
फिर महक ने लगी पुरवाई ,,

रात सर्द मधम मधम
दिवस धुप हल्की हल्की छाई
आम की डाली पे कोयल ने
मधुर रागनी कुछ एसी गाई ।।

सोज़ की कलम से
© jitensoz