बसंत ऋतु
समय ने बदली करवट
देखो मौसम ने ली अंगड़ाई
खिलने लगे पलाश पुष्प
देखो बसंत ऋतु लोट आई
बजने लगे मन मे मृदंग
खिलने लगे धरा पुत्र के चहरे
सरसो की महक से
फिर महक ने लगी पुरवाई ,,
रात सर्द मधम मधम
दिवस धुप हल्की हल्की छाई
आम की डाली पे कोयल ने
मधुर रागनी कुछ एसी गाई ।।
सोज़ की कलम से
© jitensoz
देखो मौसम ने ली अंगड़ाई
खिलने लगे पलाश पुष्प
देखो बसंत ऋतु लोट आई
बजने लगे मन मे मृदंग
खिलने लगे धरा पुत्र के चहरे
सरसो की महक से
फिर महक ने लगी पुरवाई ,,
रात सर्द मधम मधम
दिवस धुप हल्की हल्की छाई
आम की डाली पे कोयल ने
मधुर रागनी कुछ एसी गाई ।।
सोज़ की कलम से
© jitensoz