...

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ग़ज़ल
मेरे साथ ख़्वाबों की दुनिया बुनोगे
करूँ जो मैं इज़हार तुम क्या कहोगे

हँसोगे मुझे कोई नादाँ समझ कर
या साँसें थमा बस मुझे ही सुनोगे

बयां जो करूँ राज मैं अपने दिल का
अयाँ हाल अपना भी क्या तुम करोगे

क़रीब आ के नज़रों से नज़रें मिला के
मुझे कशमकश में यूँ ला तो न दोगे

झुकाऊँ जो पलकें मैं शर्म-ओ-हया से
तो...