ग़ज़ल 9: किसने बनाया कितने कमाल हैं ये लोग
किसने बनाया कितने कमाल हैं ये लोग
सबके होठों पे बस मलाल है ये लोग
धंधा करना आता नहीं किसी को इधर
और बने बैठे शहर के दलाल है ये लोग
हलाल करने को आज़ादी समझने हैं
इंसानियत की झुटी मिसाल है ये लोग
चलो शब्दों से इलाज़ करें इन सबका हम
देखने से लगता है बड़े बेहाल हैं ये लोग
जिन्हें छूना तो चाहते हैं पर छू नहीं...
सबके होठों पे बस मलाल है ये लोग
धंधा करना आता नहीं किसी को इधर
और बने बैठे शहर के दलाल है ये लोग
हलाल करने को आज़ादी समझने हैं
इंसानियत की झुटी मिसाल है ये लोग
चलो शब्दों से इलाज़ करें इन सबका हम
देखने से लगता है बड़े बेहाल हैं ये लोग
जिन्हें छूना तो चाहते हैं पर छू नहीं...