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ग़ज़ल 9: किसने बनाया कितने कमाल हैं ये लोग
किसने बनाया कितने कमाल हैं ये लोग
सबके होठों पे बस मलाल है ये लोग

धंधा करना आता नहीं किसी को इधर
और बने बैठे शहर के दलाल है ये लोग

हलाल करने को आज़ादी समझने हैं
इंसानियत की झुटी मिसाल है ये लोग

चलो शब्दों से इलाज़ करें इन सबका हम
देखने से लगता है बड़े बेहाल हैं ये लोग

जिन्हें छूना तो चाहते हैं पर छू नहीं सकते
पिंपल दाढ़ी वाले कुरकुरे गाल हैं ये लोग

वो भी कटरा रहा इनका जवाब देने से
खुदा को भी लगते बेहूदा सवाल हैं ये लोग

नशा चढ़ने से पहले ही उतर जाता है
छी छी छी कितना सस्ता माल हैं ये लोग

सर पे चढ़कर नाचते हैं खून चूसते हैं
आपने गलत कहा के बाल हैं ये लोग

ज़ख्म देंगे फिर उनका मलहम नमक देंगें
हाए कितने हसीं कितने बेमिसाल हैं ये लोग

सुनो! हमारी सुनो! और इनसे दूर रहो
पास आए तो जी का जंजाल हैं ये लोग

किसने बनाया कितने कमाल हैं ये लोग
सबके होठों पे बस मलाल है ये लोग

© Pooja Gaur