...

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मोहब्बत के वो पल
मैं अपनी कहानी सुनाता हुँ
थोड़ी सी अच्छी ,थोड़ी बुरी सुनाता हूँ
प्यार भरें उन लम्हों की याद दिलाता हूँ
मोहबत सब के नसीब मे होती नही,

मोहबत खूबसूरत अहसास है अगर
मिल जाए तो किसी अच्छी किस्मत को,
वो इश्क से भरें पल, उनका हँसता चहरा
उनका मेरी आंखों में देखकर अपना कहना,

शायद किस्मत मे उनका नाम लिखा ही नही
मैं यह कभी नही कहता की वो बेवफ़ा थे
क्योंकि मैं उनकी रूह से रूबरू हुँ पूरी तरह
हाँ मैं जानता हूँ, वो पूरी तरह ख़फ़ा थे मुझपे,

बिछड़े थे जब हम तब भीगी उनकी आँखें
जैसे संमदर लहरों से हमेशा के लिए दूर हो गया
मुझे फ़क्र है मेरी मोहबत पर, मिली नही
पर हमेशा के लिए दिल थाम गये हो

ख़ुदा करे कभी मुलाक़ात नही हो उनसे
कौन चाहेगा की मेरा मेहबूब टूट जाए,
मैं नही चाहता की मुझें अकेला देख रुठ जाए

बेशक मोहब्बत अधूरी रह गई
कहना था जो ज़िन्दगी को वो भी कह गई
प्रेम राधा कृष्ण सा बनना था
ना मिले जब भगवन भी अपने प्रेम से
कौन कहता है प्रेम राधा का अधूरा रह गया
ना मिल पाये, किंतु कृष्ण के साथ नाम रह गया

मैं अलग रहकर भी उनको पास पाता हूँ,
मेरी मोहब्ब़त भी मुझे अजीब सा जख्म दे गई
कौन भूलना चाहेगा उन्हे जो मेरे बनकर रह गये
हाँ बेशक दूरियाँ है, पर खूबसूरत यादे तो पास रह गई










© ashokudeniya

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