प्यार
काँटों में फंसी मुरझाई सी कली थी तुमसे मिलकर खिली हुई गुलाब बन गयी।
बचपना तो बेशक आज भी है मुझमें मगर तुमसे...
बचपना तो बेशक आज भी है मुझमें मगर तुमसे...