...

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समय के साथ
समय के साथ

सब कुछ बदला बदला सा है,,
यह समय का कैसा खेल है।
जिस्मों के प्यार है आज कल,,
रुह का रुह से कहां होता मेल है।

हर रिश्ता भी है बदला बदला,,,
अब पहले जैसा प्यार नहीं।
दूर रहने वाले ग़म के साथी है,,
पास रहने वालों को दर्द...