मैं हु कौन ?
कभी जो पूछा मैं हु कौन
दिल से आवाज़ आयी
किसी की अमानत या किसी की हिफ़ाज़त
पिता ने अमानत समझ
दूसरे घर बिदा कर दिया
पति ने फ़र्ज़ समझ हिफाज़त
से रखा
मैं हु कौन
जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं
पिता के घर पैदा हुई तो
उनके अनुसार अपना जीवन बिता दिया
पति के घर गयी तो उनके संस्कारो
को अपना लिया
मैं हु कौन ये बात मैंने भी भुला दिया
इस जीवन में मैंने किया ही क्या
ये सोच कर खुद को भुला दिया
चाहा था क्या और क्या मैंने किया
उसका हिसाब देखती हु तो
खुद को कही गुम महसूस करती हु
करने को तो बहुत कुछ है
जीवन में अपना पह्चान बनाने में
पर वो हिम्मत कहा से लाउ
वो हुनर कहा से लाऊ
जो बोल पाउ मैं भी हु कुछ
मुझे भी अपनी पहचान बनानी है
मुझे भी उड़ना है उस आसमान में
मैं खुद के नाम से जाना जाना चाहती हु
ना किये दिए हुवे नाम से
© priyanka sahu
दिल से आवाज़ आयी
किसी की अमानत या किसी की हिफ़ाज़त
पिता ने अमानत समझ
दूसरे घर बिदा कर दिया
पति ने फ़र्ज़ समझ हिफाज़त
से रखा
मैं हु कौन
जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं
पिता के घर पैदा हुई तो
उनके अनुसार अपना जीवन बिता दिया
पति के घर गयी तो उनके संस्कारो
को अपना लिया
मैं हु कौन ये बात मैंने भी भुला दिया
इस जीवन में मैंने किया ही क्या
ये सोच कर खुद को भुला दिया
चाहा था क्या और क्या मैंने किया
उसका हिसाब देखती हु तो
खुद को कही गुम महसूस करती हु
करने को तो बहुत कुछ है
जीवन में अपना पह्चान बनाने में
पर वो हिम्मत कहा से लाउ
वो हुनर कहा से लाऊ
जो बोल पाउ मैं भी हु कुछ
मुझे भी अपनी पहचान बनानी है
मुझे भी उड़ना है उस आसमान में
मैं खुद के नाम से जाना जाना चाहती हु
ना किये दिए हुवे नाम से
© priyanka sahu