...

25 views

चलो साथ चलते है
देखते है कहा तक जाते है
सफर है सफर में कही ना कही तक तो जाते है

इसने किनारा किया था अपने वक्त में "अवि" चलो इसे भी साथ लेकर जाते है
पेड़ो पर जर्द ही जर्द है हरा भरा कुछ भी नही चलो थोड़ा और आगे तक जाते है।

उसने घर तक आने जाने का किराया मुहैया करवाया है तो आज उसके घर तक जाते है।

बेड़ियां लगनी ही है एक दिन तो ठहरे क्यों चलते चलते किनारा तक जाते है।

#avinash #life #poem #WritcoQuote #writcopoem