...

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ruk jao

तुम अच्छे हो उस से ये बचपन से सिखाया जाता है
पीछे रहने का मतलब हार बताया जाता है

माँ कहती है बचपन में जल्दी दूध पीले तू फर्स्ट आ जायेगा
फटाफट पोएम सुना दे टीचर का लाडला बन जायेगा

बचपन से ही मेरी समझ को मेरे नंबर से आँका जाता है
बस होड़ लगी है आपस में किसका नंबर पहले आता है

सबसे आगे निकलने में जीवन रस पीछे छूट गया
साथ अपनों का होकर भी नाता तो सबसे टूट गया

मैं अपनी धुन में मगन भागता चला हर वक़्त
पता ही नहीं चला मुझे कब हुआ मैं इतना सख्त

जब अंत निकट आया किसी रेस को न पाया
फिर क्यों भागते हुए मैंने अपने को थकाया

अब इस दोर में थोड़ा संभल जाते हैं रुक जातें हैं
आने वाली पीढ़ी को जीना सीखा जाते हैं

जरा हाथ थाम कर अपनों का पूछ लेते हैं आज उनका हाल
और खाने में हल्का ही सही बना लेते हैं रोटी और दाल

थोड़ी अपनी वो बताएँगे थोड़ी हम भी बतलायेंगे
अंदर का सारा मलाल दूर कर ख़ुशी मनाएंगे

फिर देर है किस बात की किस वक़्त की और किस मुलाकात की
तुम खुद भी सुकून से जीना सिख लो और रहो पीछे ही सही पर कदर करो हर इंसान की